ज़िन्दगी की कुछ ऐसी बातें जो आपको विजडम टूथ यानी अक्ल दाढ़ आने से पहले ही पता होनी चाहिए।
हम बेहतर ज़िन्दगी जीने की ख़ातिर कई तरीके अपनाते हैं, कुछ किताबों से, कुछ फ़िल्मों से, कुछ बुज़ुर्गो से। अगर किताबी बातों पर ध्यान दिया जाए तो ज़िन्दगी जीने के लिए प्रेरणा मिलती है, और फ़िल्मी बातें तो फ़िल्मी ही लगती है, वहीं बुज़ुर्गो की बातें ज़िन्दगी की मुश्क़िलों से झूझने का साहस देतीं हैं। इसी तरह यहाँ कुछ ऐसी बातें बताई गयी है जिन्हे जानकार आपकी ज़िन्दगी को जीने का तरीका और नज़रिया दोनो बदल जाएगा।
मुश्किल समय, दर्द, और अनुभव - हम ज़िन्दगी के हर पड़ाव पर मुश्किलों का सामना करतें हैं और अक्सर हार मानने की कगार पर होते हैं। हम सवाल करते है की सब मुश्किलें हमारे रास्ते में ही क्यों आती हैं। लेकिन जब हम इस मुश्किल समय और दर्द का अनुभव करते हैं तो हमें अपनी ताकत, धैर्य, ईश्वरकृपा, और ढृढ़संकल्प का एहसास होता है। इसलिए, ज़िन्दगी की मुश्किलों की तरफ अपने आपको सकारात्मक बनाएं क्यूंकि इससे आप कुछ सीखते हैं जिससे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।
उम्मीदें- ऐसे लोगों से ईमानदारी की उम्मीद कम रखें जो ख़ुद से सच नहीं बोल सकते। जी हां, जब आप किसी के लिए कुछ करते हैं तो आपको भी उम्मीद रहती है की वह व्यक्ति ज़रूरत के समय आपकी भी इसी तरह मदद करेगा। लेकिन, कभी-कभी ऐसे व्यक्ति मिलते हैं जो आपकी उदारता का जवाब बेईमानी से देतें हैं। यानिकि, ज़रूरत के समय आपका इस्तेमाल करके भूल जाते हैं और मतलब ख़त्म होते ही रिश्ता ख़त्म कर देतें हैं। लेकिन, अगर आपकी ज़िन्दगी में भी ऐसे लोग है तो आप ऐसे लोगों से किसी भी तरह की उम्मीद ना करें, और समय रहते ख़ुद को किनारा कर लें।
आपकी छवि - आप क्या करते है उससे आपकी छवि बनती हैं अगर आपको अच्छी छवि बनानी है तो अच्छे विचार और काम करें। अपनी छवि सुधारने के लिए दूसरों की छवि ख़राब करने से आपकी ही छवि ख़राब होगी। किसी और की छवि ख़राब करने से आपकी सोच कैसी है ये मालूम होता है। अगर कोई गलत तरीके से कामयाबी हासिल करता है तो उसकी कामयाबी कुछ समय की है और कभी न कभी सच सामने आ जाएगा।
सफ़ाई किसे दें - हम ख़ुद को ऐसे असमंजस में पातें है जब किसी को हमें अपनी सफ़ाई देनी पड़ती है। लेकिन, स्पष्टीकरण सिर्फ उन्ही के लिए करें जो आपको समझना चाहते है नाकि जो सबकुछ सुनकर भी आपके लिए अपनी अवधारणा को ही मानते हैं। ऐसे लोग जो आपके कितना भी समझाने के बाद भी आपको समझना नहीं चाहते, उनके लिए आपकी ख़ामोशी ही एक जवाब है। जो आपको समझते है वो आपसे जवाब-तलबी नहीं करते।
ख़ुशी- नाख़ुशी - अगर आप ऐसे काम से जुड़े है जिसे आप को मज़बूरी में और नाख़ुशी के साथ करना पड़ता है तो आपको इसके बारें में सोच-विचार करने की ज़रूरत है। आपकी ख़ुशी ज़िन्दगी के हर मोड़ पर ज़रूरी है नाकि केवल हफ़्ते में एक या दो दिन जो आपका छुट्टी का दिन होता है। बाकी पांच दिन भी आपको ऐसे काम में मशगूल होना चाहिए जो आपको ख़ुशी दे।
असभ्य लोगों की बातें - आपको सिर्फ ऐसे लोगों की बातों पर गौर करना जिनकी आप इज़्ज़त करते हैं और जो आपकी इज़्ज़त करते हैं। ऐसे लोगों की बातों को दिल से ना लगाएं जिनकी आप इज़्ज़त नहीं कर सकते।
ज़िन्दगी और तनाव - हम सभी की ज़िन्दगी में उतार-चढ़ाव होते है और साथ ही स्ट्रेस भी बना रहता है। अगर आप अपनी ज़िन्दगी की हर चीज़ पर नियंत्रण करने की कोशिश करेंगे तो आपका तनाव और बढ़ेगा। इससे आपको ज़िन्दगी और मुश्किल लगने लगेगी। लेकिन जब आप अपनी ज़िन्दगी की चीज़ों पर नियंत्रण करना छोड़ कर केवल अपने काम पर ध्यान दें तो आप बहुत कुछ हासिल कर सकेंगे। अपनी ज़िन्दगी का संचालन करने का आत्मविश्वास होना भी ज़रूरी है ताकि तनाव कम रहे।