अपने चंद्रयान को अब चंद्रमा से कितनी दूर ले जाया गया है?
चंद्रयान-3 अपने मिशन के प्रति सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। इसरो ने रविवार, 6 अगस्त को रात करीब 11 बजे चंद्रयान-3 की ऑर्बिट को कम किया है। अब चंद्रयान चंद्रमा के 170 x 4313 KM की ऑर्बिट में स्थित है। एक सरल भाषा में कहें तो, चंद्रयान एक ऐसे पथ पर चल रहा है, जहां उसकी दूरी चांद से सबसे कम 170 किलोमीटर और सबसे ज्यादा 4313 किलोमीटर है। पहले चंद्रयान 164 x 18074 KM की ऑर्बिट में था। साथ ही, इसरो ने चंद्रयान द्वारा लिये गए चांद की तस्वीर भी जारी की है।
चंद्रयान-3 की ऑर्बिट को और अधिक कम करने की अगली कार्रवाई 9 अगस्त 2023 को आयोजित की जाएगी। इस बारे में ISRO ने एक ट्वीट किया है और उस ट्वीट में यह जानकारी साझा की गई है। इस अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा जारी किए गए ट्वीट में यह उल्लिखित है,
''अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा के और नजदीक पहुंचने की एक प्रस्तावित प्रक्रिया पूरी कर ली है. इंजनों की ‘रेट्रोफायरिंग’ ने इसे चंद्रमा की सतह के और करीब पहुंचा दिया. जो कि 170 x 4,313 किलोमीटर है. चंद्रयान को चंद्रमा के और नजदीक पहुंचाने का अगला ऑपरेशन 9 अगस्त, 2023 को भारतीय समयानुसार दोपहर एक बजे से दोपहर दो बजे के बीच किये जाने का कार्यक्रम है.''
एक नया वीडियो जारी किया गया है
"चंद्रमा की ओर प्रवेश करने के एक दिन पहले, यानी रविवार, 6 अगस्त को ISRO ने एक वीडियो प्रकाशित किया। इस वीडियो के माध्यम से 'चंद्रयान-3' से ली गई चंद्रमा की तस्वीरें प्रदर्शित हुईं। इस अंतरिक्ष एजेंसी ने वीडियो को जारी करते समय लिखा,"
''पांच अगस्त को जब चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया जा रहा था, उस समय अंतरिक्ष यान से देखी गई चंद्रमा की तस्वीर।''
चांद पर कब होगा उतरना?
ISRO के अनुसार, 18 और 20 अगस्त को चंद्रयान-3 की चांद के ऑर्बिट की दूरी को और भी कम करने का प्रयास किया जाएगा। इस अवधि में, लैंडर मॉड्यूल 100 x 35 KM की ऑर्बिट में प्रवेश करेगा। इसके बाद, 23 अगस्त की शाम को 5 बजकर 47 मिनट पर चंद्रयान की लैंडिंग का प्रयास किया जाएगा।''
मिशन का लॉन्च 14 जुलाई को हुआ था।
14 जुलाई 2023 को हुआ था एक और महत्वपूर्ण दिन भारतीय स्पेस रिसर्च के लिए। उस दिन दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर, आंध्र प्रदेश के सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 मिशन का सफल लॉन्च किया गया। चंद्रयान-3 का लॉन्च चंद्रयान-2 के लॉन्च से ठीक 3 साल 11 महीने और 23 दिन पहले हुआ, जब चंद्रयान-2 मिशन का पूरा सफलतापूर्ण नहीं था। चंद्रयान-3 इसका एक प्रतिक्रिया-मिशन है, और इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने 600 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
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