उच्च न्यायालय ने जिला अदालत के फैसले को पुष्टि की।
इलाहबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे को मंजूरी दी है, इस निर्णय को 3 अगस्त की सुबह करीब 10 बजे सुनाया गया। इस मामले में वकील विष्णु जैन ने मीडिया के साथ बात करते समय यह कहा,
"कोर्ट ने इस दावे की घोषणा की है कि ASI के सर्वे से किसी को कोई भी हानि नहीं होगी।"
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसका संकेत है कि आज से ही सर्वे का आरंभ होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अदालत ने इस सर्वे को न्याय के हित में होने की घोषणा की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतिजामिया मस्जिद कमेटी की अपील को खारिज कर दिया है। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री, केशव प्रसाद मौर्या, ने इस निर्णय पर अपने दृष्टिकोण को साझा किया है। उन्होंने समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए यह कहा,
"मैं इस निर्णय का स्वागत करता हूँ। मुझे विश्वास है कि ASI सर्वे के पश्चात् असलीता सामने आएगी। इसके बाद ज्ञानवापी मामला सुलझ जाएगा।"
#WATCH | I welcome this verdict. I am confident that the truth will come out after the ASI survey and Gyanvapi issue will be resolved: UP Deputy CM Keshav Prasad Maurya on Allahabad HC allowing ASI survey of Gyanvapi mosque complex pic.twitter.com/g6MioucQtz
— ANI (@ANI) August 3, 2023
विरोधी पक्ष ने वजुखाने सील्ड क्षेत्र को छोड़कर परिसर के बाकी हिस्से के लिए एएसआई सर्वे की मांग की थी। उन्होंने यह अनुरोध वाराणसी जिला अदालत में किया था।
जिला अदालत ने सर्वे को मंजूरी दी थी।
हालांकि, सर्वे होने से पहले ही इंतिजामिया मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। इस अपील की सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल करने के लिए उन्हें दो दिन की अवधि दी थी।
इसके बाद हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई की गई। 3 अगस्त को आए फैसले में हाईकोर्ट ने जिला अदालत के फैसले को पुष्टि की है। हाईकोर्ट ने सर्वे की अनुमति दी है। कोर्ट ने यह कहा कि ASI ज्ञानवापी परिसर में इमारत के किसी भी हिस्से को बिना किसी नुकसान के सर्वे कर सकता है।
इंतिजामिया मस्जिद कमेटी के पास अब भी सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प बचा है। संभावना है कि यह पक्ष सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दे सकता है।
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