वास्तु शास्त्र (Sanskrit: वास्तु शास्त्र, vāstu śāstra) एक पारंपरिक भारतीय वास्तुकला प्रणाली है, जो प्राचीन ग्रंथों पर आधारित है जिनमें डिज़ाइन, लेआउट, माप, भूमि की तैयारी, स्थान के व्यवस्थान, और अंतरिक्ष ज्यामिति के सिद्धांतों का वर्णन किया गया है।
वास्तु शास्त्र क्या है?
वास्तु शास्त्र का विज्ञान वास्तव में अनेक प्राचीन ऋषियों और विद्वानों ने बड़े समय के दौरान विकसित किया ऐसा माना जाता है। आपने मत्स्य पुराण का उल्लेख किया, जैसा कि आपने कहा, उसमें 18 ऋषियों के नाम दिए गए हैं जिन्हें इस महाकाव्य विज्ञान के संस्थापक माना जाता है, और उनमें भृगु ऋषि भी शामिल है। इन ऋषियों ने वास्तु शास्त्र के मूल सिद्धांतों और मार्गदर्शन का योगदान किया है, जिससे यह एक समृद्ध और विविध वास्तु और डिज़ाइन की प्रणाली बनी है।
"वास्तु शास्त्र" एक पारंपरिक भारतीय वास्तुकला प्रणाली है, जिसका मुख्य उद्देश्य घर, दुकान, कार्यालय, या अन्य जगहों के निर्माण और व्यवस्थित डिज़ाइन के माध्यम से एक स्वास्थ्यपूर्ण और सुखमय आवास या कार्यस्थल बनाना है। इस विद्या में विभिन्न नियम, मापदंड, और दिशा दिए जाते हैं, जिनका पालन करके घर या अन्य स्थलों का निर्माण तथा व्यवस्थापन किया जाता है, जिससे वहाँ का माहौल सुखमय, संतुलित, और हारमोनियस होता है। वास्तु शास्त्र का उपयोग सामाजिक, आर्थिक, और प्राकृतिक वातावरण में सुधार करने के लिए किया जाता है और यह हिन्दू धर्म के भारतीय सांस्कृतिक परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
हमारे जीवन में वास्तु शास्त्र का क्या महत्व है?
वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विद्या है जिसका मुख्य उद्देश्य भवनों और अन्य स्थानों का डिज़ाइन और निर्माण सामग्री को तथा उनके स्थान को इस प्रकार से चयन करना है कि वहाँ रहने वालों के जीवन को सुखमय और सामंजस्यपूर्ण बना सके। इसमें वास्तुशास्त्रीय नियमों का पालन करके घर का निर्माण और व्यवस्थापन किया जाता है, जिससे घर का माहौल शांतिपूर्ण, संतुलित, और सुखद होता है। इसका महत्व लोगों के जीवन में सुख, सामंजस्य, और भलाइ को बढ़ावा देने में होता है, और यह विज्ञान भारतीय संस्कृति और वास्तुकला का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इसलिए, घर बनाते समय वास्तु शास्त्र का पालन करना चाहिए ताकि अच्छे स्वास्थ्य और खुशी को बनाए रखने में मदद मिल सके। एक ऐसा माहौल स्थापित करना जिससे आपको ज्यादा जीवंत, कल्पनाशील और संतुलित महसूस हो। एक ऐसे स्थान को बनाना जो संतुलन, शांति और संगति की भावना को बेहतर बनाए।
हमारा उद्देश्य है वास्तुकला के माध्यम से कुछ महत्वपूर्ण टिप्स देना, तो यहां "फुलधमाल के वास्तु विशेषज्ञ - Siddharth Sadia" की तरफ़ से - आज की कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स :
व्यवसायिक नेटवर्किंग को मजबूत और फलदायक बनाने के लिए कार्यालय में एक खरगोश जोड़ने का सुझाव
क्या आप जानते हैं कि "खरगोश(Rabbit)" आपके व्यवसायिक नेटवर्किंग के लिए सफल और प्रफिटेबल उपाय हो सकता है? जी हां, यह बिल्कुल सही है।
"मजबूत और फलदायक व्यापार नेटवर्क बनाने के लिए अपने कार्यालय के पूर्व-दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में एक खरगोश जोड़ रखें: इससे आपके व्यापार के लिए सही संबंधों को आकर्षित करेंगे और आपके व्यापार सौदों को लाभकारी बनाएगा।"
हम भी आशा करते हैं कि हम आपको वास्तु टिप्स से लाभ मिलता रहे और हमें खुशी होगी कि हम आपको नए-नए उपाय बताते रहेंगे।
धन्यवाद!
फुलधमाल वास्तु विशेषज्ञ
सिद्धार्थ सादिया
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