यदि किसी महिला को ऐसे लक्षण मिलते हैं तो उसे तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। समय रहते उपचार प्राप्त करने से सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।
सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो महिलाओं के गर्भाशय के निचले भाग में स्थित सर्वाइकल सेलों में विकास होता है। इसका मुख्य कारण मानव पैपिलोमा वायरस (HPV) के संक्रमण का होता है, जो सामान्य यौन संबंध के दौरान हो सकता है। यह कैंसर अक्सर शुरुआत में लक्षण हीन होता है, लेकिन वक्त पर पहचान और उपचार की संभावनाएं होती हैं।
किस उम्र की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर हो सकता है?
सर्वाइकल कैंसर का खतरा उन महिलाओं में अधिक होता है जो 30 साल से 65 साल की आयु के बीच होती हैं। यह आयु समायोजित होती है क्योंकि इस समय के दौरान महिलाओं के जीवन में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं और यौन संबंधों की शुरुआत भी होती है। इससे HPV (मानव पापिल्लोमा वायरस) के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जो सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख कारक माना जाता है। इसलिए, इस आयु समय के दौरान स्क्रीनिंग और नियमित चेकअप का अत्यंत महत्व है। यदि किसी महिला को इस उम्र में किसी भी संदेहित लक्षण का सामना हो, तो उसे तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण में शामिल हो सकते हैं:
अनौठा योनि बहाव या रक्तस्राव - सर्वाइकल कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों में योनि से अनौठा बहाव या रक्तस्राव हो सकता है, जो व्यायाम या सेक्स के दौरान विशेष रूप से दिखाई देता है।
सम्भावित योनि संक्रमण के लिए अधिक सामान्य और पुराने उपचार का प्रभाव - योनि में संक्रमण होने पर योनि क्षेत्र में जलन, खुजली, या बार-बार योनि संक्रमण का अनुभव हो सकता है। यह लक्षण सर्वाइकल कैंसर के संकेत हो सकते हैं।
गर्भाशय क्षेत्र में दर्द या असहनीयता - सर्वाइकल कैंसर के विकास के साथ, गर्भाशय क्षेत्र में अधिक दर्द या असहनीयता का अनुभव हो सकता है। यह लक्षण लक्ष्य अंगों में कैंसर के विकास की सूचना देते हैं।
योनि या गर्भाशय क्षेत्र की खराब सुगंध - कई मामलों में, सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों में योनि या गर्भाशय क्षेत्र की अन्यायिक सुगंध हो सकती है।
सम्भावित योनि संक्रमण या योनि संक्रमण के लिए अधिक सामान्य और पुराने उपचार का प्रभाव - योनि या गर्भाशय में संक्रमण के संदेश के रूप में, सर्वाइकल कैंसर के प्रारंभिक लक्षण भी हो सकते।
ये लक्षण सामान्य हो सकते हैं, लेकिन यदि किसी महिला को ऐसे लक्षण मिलते हैं तो उसे तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। समय रहते उपचार प्राप्त करने से सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।
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कैसे बचे सर्वाइकल कैंसर से?
सर्वाइकल कैंसर का बचाव करने के लिए महत्वपूर्ण है:
- नियमित पाप स्मीयर टेस्टिंग: यह टेस्ट सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए होता है, जो समय रहित रूप से विचार किया जाता है।
- HPV वैक्सीनेशन: यह वैक्सीन वायरस संक्रमण को रोकने में मदद कर सकती है, जो सर्वाइकल कैंसर के लिए प्रमुख कारक है।
- स्वस्थ जीवन शैली: स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, और धूम्रपान और अधिक मात्रा में शराब का सेवन से बचाव कर सकते हैं।
यदि किसी महिला को संदिग्ध लक्षण होते हैं, तो वह तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। नियमित चेकअप और स्क्रीनिंग सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानने में मदद कर सकती हैं और सही समय पर उपचार प्राप्त करने में मदद कर सकती हैं।