अच्छी पढ़ाई क्या होती है? क्या सिर्फ़ अंग्रेज़ी में बोलना? एक रट्टू तोता बनना? या कुछ और?
आइए हम Siddharth Tabish के Facebook वॉल से जाने-
अच्छी पढ़ाई मतलब जानते हैं आप भारत में? अंग्रेज़ी बोलना.. आपके बच्चे का अंग्रेज़ी में बात करना मतलब बहुत अच्छी शिक्षा मिल रही है उसे
इसके अलावा जो कोर्स सरकारी पाठ्यक्रम में होता है वही हर जगह होता है.. बस प्राइवेट वाले दस किताब और साथ में जोड़ देते हैं ये दिखाने के लिए कि वो आपसे इतना पैसा ले रहे हैं तो आपके बच्चे को पढ़ा भी खूब रहे हैं
आप सोच कर देखिए कि कक्षा चार में पढ़ रहे आपके बच्चे को अगर भारत की सारी नदियों और राजधानी में नाम पता हैं तो वो किस काम की जानकारी है उस दस साल के बच्चे के लिए? उसे अगर ये पता है कि कौन सी नदी कहां से बहती है तो उसका क्या काम है उसके लिए? वो जानकारी आपको अच्छी लगेगी, आपको बड़ा गर्व होगा मगर वो जानकारी बस रटने वाली जानकारी है उस बच्चे के लिए.. उस जानकारी का उसके जीवन में कोई स्थान नहीं है.. उसे नदियों में नाव लेकर नहीं जाना है और न ही नदियों के द्वारा उसे कोई रास्ता तय करना है.. स्कूल वाले बस यही करते हैं, ऐसी बेकार की जानकारी आपके बच्चे को रटाते हैं जिसकी इस उम्र में कोई ज़रूरत नहीं होती है उसे
हमारे और आपके बच्चे, जिन्हें इस तरह की तमाम जानकारियां इस छोटी इस छोटी सी उम्र में होती है, वो जीवन के किसी भी प्राकृतिक माहौल में सर्वाइव नहीं कर सकते हैं.. हमारे इन बच्चों को आप रोड पर छोड़ दीजिए, किसी गांव में छोड़ दीजिए, ये कुछ नहीं कर पाएंगे, आपके घर तक नहीं जा पाएंगे.. रोएंगे और मम्मी पापा को याद करेंगे.. जबकि वो बच्चे जो गांव या किसी भी प्राकृतिक माहौल में पले बढ़े होते हैं उन्हें आप कहीं भी छोड़ दीजिए, वो अपने घर पहुंच जाएंगे.. हमारे आपके बच्चे जिन्हें ये सब पता है कि कौन सी नदी कहां से बहती है और किस शहर की राजधानी क्या है, जो बा बा ब्लैक शीप अच्छे से सुना लेते हैं वो घर का रास्ता नहीं ढूंढ पाएंगे.. आपके ये प्राइवेट स्कूल आपके बच्चों को "अपाहिज" बनाते हैं
जब भी कोई मुझ से अपने बच्चे के प्राइवेट स्कूल की बड़ी तारीफ़ करता है तो मैं समझ जाता हूं कि इनका बच्चा बड़ी अच्छी अंग्रेज़ी बोल लेता होगा, उसके स्कूल वाले उस बच्चे को गर्मी और सर्दी की छुट्टी में भी एक टन होम वर्क देकर घर भेजते होंगे, उसके स्कूल वाले बच्चे के मां और बाप को हर हफ़्ते स्कूल के ही किसी "चोंचले" में स्कूल बुलाते होंगे और इन मां बाप को ऐसा महसूस करवाते होंगे कि हम तो पढ़ा रहे हैं तुम्हारे बच्चे को मगर तुम भी "पढ़ो" इसके साथ.. मां बाप को वो स्कूल उनके बच्चे के साथ साथ दिन भर उसी के काम में व्यस्त रखता होगा, इनको एक सेकंड की फुरसत नहीं मिलती होगी अपने कक्षा 4 के बच्चे के होमवर्क, प्रोजेक्ट, एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज की वजह से.. इसीलिए ये स्कूल बेस्ट होगा इनके लिए
जैसे हम इंसानों ने रिश्ते वगैरह बना के अपने समाज और जीवन की ऐसी तैसी कर रखी है वैसे ही हम ही ने ये स्कूल, स्कूल के शेड्यूल, स्कूल में सिखाई जाने वाली दो कौड़ी की जानकारियां और तमाम अन्य स्कूली रस्मों को ख़ुद ही बनवाया है और फिर बस मेरी पोस्ट पर आकर यही लोग अफसोस ऐसा जताते हैं जैसे किसी और ने मंगल ग्रह से आकर कुछ गडबड कर दिया है यहां और उनके बच्चों को पीड़ित कर दिया है
मैं अपने बच्चे के स्कूल में जब गया था और प्रिंसिपल से अनुरोध किया था कि "कृपया गर्मी की छुट्टी का टाइम और बढ़ाइए और स्कूल कम से कम बस बजे ही खोला कीजिए और होमवर्क देना बंद कीजिए".. तो वो आश्चर्यचकित होकर बड़ी देर तक मेरा मुंह देखती रहीं.. कहने लगीं कि अपने 35 साल के स्कूल के कार्यकाल में आप पहले ऐसे इंसान मिले हैं जो इस तरह की डिमांड कर रहे हैं.. यहां 99% अभिभावकों की तरफ़ से हम लोगों पर ये दबाव होता है कि स्कूल में गर्मियों की छुट्टियों में एक्स्ट्रा क्लासेज चलाई जाएं क्योंकि उन्हें लगता है कि गर्मी की छुट्टी की जो वो फ़ीस दे रहे हैं वो "बेकार" जा रही है
~सिद्धार्थ ताबिश
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