हमारे जीवन में प्रकाश का महत्व, हमें वास्तव में कितना प्रकाश चाहिए?

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हमारे जीवन में प्रकाश की महत्वपूर्ण भूमिका: कितना प्रकाश हमारे लिए जरूरी है?

आज के विचारों के कुछ मुख्य बिंदु:

  • प्रकाश का महत्व: हमारे जीवन में कितना प्रकाश आवश्यक है?"
  • पश्चिमी और भारतीय घरों में प्रकाश के अंतर: एक तुलना
  • रात के समय अंधेरे का महत्व: शरीर और मानसिकता पर प्रभाव
  • टेबल लैम्प, फ्लोर लैम्प, और वॉल लैम्प: पश्चिमी घरों में प्रकाश का नया दृष्टिकोण
  • भारतीय घरों में प्रकाश: कम आय वर्ग के लोगों की प्राथमिकता
  • रात के प्राकृतिक प्रकाश का महत्व: परिवार और संबंधों में सुधार कैसे लाता है?

 आइए "Siddharth Tabish" के Facebook वॉल से जाने-

Siddharth Tabish Writer

Image Credit: @SiddhartTabish FB

The Importance of Lighting in Our Lives, actual need of light

रात अंधेरे के लिए होती है.. उजाले के लिए नहीं.. रात में हमारे शरीर और मन को रात का अंधेरा चाहिए होता है, रोशनी नहीं

पश्चिमी जगत में ट्यूबलाइट और फ्लोरेसेंट लाइट घरों में न के बराबर इस्तेमाल होती हैं.. पश्चिम में ज्यादातर लाइट सोर्स टेबल लैंप, फ्लोर लैंप और वाल लैंप होता है.. ये लगभग उतनी ही लाइट होती है जितनी पहले चिराग़ या लालटेन से होती थी.. चिराग़ और लालटेन को भी तभी तक जलाया जाता था जब तक रात का खाना वगैरह नहीं खा लिया जाता था.. उसके बाद लाइट के सारे सोर्स बंद कर दिए जाते थे

भारत का मध्यम और निम्न आय वर्गीय परिवार बिना ट्यूब लाइट रह ही नहीं पाता है.. जो लोग चेतना में थोड़ा आगे बढ़ जाते हैं वो रात में अपने घरों में बहुत कम और हल्की रोशनी इस्तेमाल करते हैं.. जितनी तेज़ लाइट में आप रात में रहेंगे, आप के अंदर उतनी ज्यादा तेज़ी और एंजाइटी बढ़ती जाएगी.. इसीलिए मध्यम वर्गीय घरों के लोग आजकल बड़ी देर रात तक जागते रहते हैं.. पुरानी दिल्ली के पुराने इलाकों में लड़के आपको रात 2 बजे क्रिकेट खेलते मिल जाएंगे.. इनके घरों में बेचैनी होती है रात में.. यही हाल लखनऊ के भी पुराने इलाकों का है.. वो खाना भी 10 और 11 बजे तक खाते हैं.. उनका शरीर और मन रात में भी स्थिर नहीं हो पाता है.. इसीलिए इनके घरों में खूब लड़ाईयां, झगड़े और बवाल होते है

आप इस प्रयोग को अपने ऊपर करके देख सकते हैं.. ट्यूबलाइट घर से बिल्कुल निकाल दीजिए.. लाइट सीधे आपकी आंखों पर कभी न पड़े.. रात में वार्म यानी पीली और हल्की रोशनी में रहिए.. बिल्कुल हल्की.. एक टेबल लैंप या फ्लोर लैंप में दो चार वाट का बल्ब बहुत है एक कमरे के लिए.. आपको रात में आंख फाड़ फाड़ के एक दूसरे का एकदम क्लियर मुंह देखने की ज़रूरत नहीं है.. रात में जितना हो सके अंधेरे में रहिए और अपने घर वालों को भी इसकी आदत डाल दीजिए.. अगर ये आपने कर लिया तो कुछ ही दिनों में आप अपने घर के लोगों के स्वभाव में बहुत बड़ा बदलाव देखेंगे.. लड़ाईयां और झगड़ा आपके घरों में कम हो जाएगा

~सिद्धार्थ ताबिश

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