उस पर रंगमंच के जाने-माने निर्देशक एम के रैना जी का कमेन्ट पढ़िये। किस तरह की भाषा लिखी है आप ख़ुद ही तय करिये।
ये वही एम के रैना हैं जिनको आपने तमाम फिल्म्स और ऐड में देखा होगा। किसको क्या कहें बताइये। गौरी लंकेश के लिये अपशब्द कहने वाले मोदी समर्थकों को तो हम लताड़ते रहते हैं जब वो औरतों के लिये गाली देते हैं या उनके चरित्र पर सवाल उठाते हैं।
लेकिन इनको क्या कहें ये तो प्रगतिशील लोगों में से हैं और इनकी भाषा और सोच ऐसी। जैसे लग रहा हो कि रैना जी ने ही शायद प्रोग्राम में बुलाया होगा और तब भी ये सब घटित हुआ होगा जो मन्जरी जी ने लिखा है पोस्ट में। फिर मन्जरी जी ने इन् डायरेक्ट वे में पोस्ट लिख दिया। ताकि आगे कोई ऐसे बनिये की तरह मोल-तोल न करे।
ये बात रैना जी को अच्छी नहीं लगी तो वो अपनी भाषा का नियंत्रण खो बैठे और अपना असली चेहरा दिखा दिया कि महिलाओं के प्रति उनकी क्या सोच है।