इंसानों द्वारा डिज़ाइन किए गए समाज और संस्कृति का विश्लेषण!
आइए "Siddharth Tabish" के Facebook वॉल से जाने-
मेरे दोस्त की बहन जब उस को फोन करके उस पर गुस्सा करने लगी कि "तुम कैसे भाई हो, मेरी शादी की सालगिरह पर तुमने मेरी फेसबुक पर फ़ोटो देखी और मुझे बधाई भी नहीं दी".. तो मेरे दोस्त ने उस से कहा कि "किस बात की बधाई दूं तुमको ये जानते हुवे कि तुम्हारा रिश्ता बस किसी तरह से निभ रहा है? तुम सालगिरह वाले दिन जा कर रेस्टोरेंट में खाना खा लेती हो और एक गुलाब का आदान प्रदान करके फ़ोटो खिंचवा लेटी हो तो इसका मतलब ये है कि तुम हैप्पी हो और मैं तुमको हैप्पी एनिवर्सरी बोलूं? अरे वो लोग तुमको विश करें जिन्हें कुछ पता नहीं है, मैं क्यों तुमको हैप्पी एनिवर्सरी बोलकर भ्रम में रखूं? हैप्पी तुम उस दिन होगी जब तुम इस सब से आज़ाद हो जाओगी"
सारा भारतीय समाज इसी ढोंग और भ्रम में जी रहा है.. कोई मर्द अगर कहीं अकेले घूमने जाता है और फोटो डालता है तो लगभग सारे खानदान के नशेड़ी रिश्तेदार उस से पूछते हैं "अरे भाभी कहां गई? तुम अकेले गए हो? अरे कैसे मज़ा आ रहा होगा.. काश कि भाभी भी साथ होती"
इन भ्रमित लोगों ने ये मान के रखा होता है कि कोई मर्द अगर कहीं भी घूमने जाएगा, कहीं भी टहलने जाएगा, कहीं भी एंजॉय करने जाएगा तो उसके साथ "पत्नी" ज़रूर होनी चाहिए.. और ये सब बातें ये लोग किसी चिंता या प्रेम की वजह से नहीं कहते हैं.. ये सब बातें ये "नशे" में कहते हैं.. इन्हें इसी चरस के साथ पाल पोस कर बड़ा किया जाता है कि बिना पत्नी या पति के कहीं तुम एंजॉय नहीं कर पाओगे, कहीं कोई सुख नहीं मिलेगा और हर जगह जीवन में तुम्हें पत्नी या पति नाम की "टेकानी" साथ लिए घूमनी होगी.. और फिर सारी उम्र ये बेचारे एक दूसरे को ऐसे ही अपने एंजॉयमेंट की फ़ोटो और यादें शेयर करते घूमते हैं और अगला नशे के कॉमेंट कर रहा होता है "wow नाइस जोड़ी.. एकदम राम और सीता लग रहे हैं आप दोनो.. कितने सुंदर लग रहे हैं आप दोनो (जबकि एक घड़ा है और एक छिपकली).. कितना प्यार है आप दोनो में.. आप लोग खूब एंजॉय कर रहे हो.. वाह.. हमेशा साथ बना रहे आपका जहां जाओ वहां एक दूसरे के साथ ही रहो".. इत्यादि इत्यादि
और जिसके बारे में कहा जा रहा होता है वो बेचारा सोचता है की शायद उस से ही कोई गलती हो रही है अपना रिश्ता समझने में, वरना मेरी पत्नी तो सीता और मैं राम जैसा दिखता हूं.. जबकि मुझे ये सूपनाखा और मैं इसको रावण दिखता हूं.. लगता है मुझे अपने रिश्ते पर काम करना पड़ेगा.. और फिर बेचारा एक दो हफ़्ते अच्छा बनने की कोशिश करता है और फिर कुछ दिनों में वही क्लेश.. फिर ऐसे ही चरस पिए रिश्तेदार और दोस्त उसे कमेंट करके कुछ समझा देते और बेचारा फिर इसी ग्लानि में साथ बना रहता है
ऐसे ही सारे रिश्ते काम करते हैं.. मां और बेटे के, पति पत्नी के, मौसा मौसी के, भाई भतीजे के, मां और बाप के.. इन रिश्तों की 100% झूठी बातों से जैसे ही कोई व्यक्ति ऊबता है, ये नेशेडी रिश्तेदार और दोस्त उसको पहुंच जाते हैं बताने कि "अरे वेलेंटाइन डे है, आपने गुलाब भी नहीं दिया? अरे आपकी एनिवर्सरी है और आपको याद भी नहीं, ओह माय गॉड.. आपकी पत्नी का जन्मदिन है और आप भूल गए, ओह जीसस.. कैसे हैं आप.. जाइए फौरन.. एक गमला खरीदिए और उसे एक दूसरे के सिर पर दे मारिए".. ये नशेड़ी लोग ऐसे ही रिश्ते और रिश्तेदारियों की अहमियत बताते रहते हैं और आपको "कन्फ्यूज" करते रहते हैं.. 99.9% भारतीयों की शादी बस ऐसे ही चल रही है.. वो बेचारे एक दूसरे को गुलाब देते हुए फ़ोटो खींच लेते हैं और सौ रिश्तेदार और दोस्त उस पर बोलते हैं "वाह कितने सुंदर हैं आप दोनो.. आप दोनो एक दूसरे के लिए ही बने थे.. आपकी जोड़ी की हम।मिसाल देते हैं".. और अगला इन्हीं सब झूठे स्टेटमेंट को सच मानकर रिश्ते निभाते चलता रहता है
99.9% शादी शुदा भारतीयों का रिश्ता बस समाज की इसी बेवकूफी और नशे की वजह से चलता रहता है और वो इसे सारी उम्र प्रेम, सौ जन्मों का बंधन, एक दूजे लिए समझते रहते हैं.. कोई एक भी इनसे अगर सच बोल दे तो ये सब मरने से पहले कुछ साल जीवन जीना सीख जायेंगे
~सिद्धार्थ ताबिश
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