पत्रकार विमल यादव की हत्या के मामले में पुलिस द्वारा अब तक क्या पता लगाया गया है:
बिहार के अररिया जिले में हुई पत्रकार विमल कुमार यादव की हत्या के मामले में, पुलिस द्वारा 4 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। इसके साथ ही, बताया गया है कि 18 अगस्त को यादव को उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और मामले में 8 लोगों को नामजद अभियुक्त माना गया है, जिनमें से 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दो अन्य आरोपी पहले से ही न्यायिक हिरासत में हैं और उनके खिलवाड़ की कार्रवाई जारी है।
रानीगंज थाना अंतर्गत दैनिक जागरण अखबार के पत्रकार विमल कुमार यादव के हत्याकांड में शामिल 04 अभियुक्तों को किया गया गिरफ्तार—#BiharPolice #HaiTaiyaarHum #आईपीआरडी #सीमांचल #अररिया pic.twitter.com/foTGsr2WhB
— Araria police (@ArariaP) August 19, 2023
घर में घुसकर पत्रकार विमल की हत्या का मामला।
विमल कुमार यादव का घर अररिया जिले के रानीगंज इलाके में स्थित है, जहां 35 साल के विमल, अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते थे। माना जा रहा है कि 18 अगस्त की सुबह करीब 5 बजकर 30 मिनट पर चार लोग उनके घर पहुंचे। उन्होंने विमल के घर के मुख्य द्वार को खटखटाया। जैसे ही विमल ने दरवाजा खोला, आरोपियों ने उस पर बर्बर फायरिंग कर दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
अररिया के रानीगंज थाना अंतर्गत दिo 18.08.23 को करीब 05ः30 बजे ग्राम-प्रेमनगर में विमल कुमार (35 वर्ष), सा0-प्रेमनगर को अज्ञात अपराधकर्मियों के द्वारा उनके दरवाजे पर जाकर आवाज देकर बुलाया गया और गोली मार दी गई, जिससे विमल यादव की मृत्यु हो गई।(1/3)#BiharPolice
— Bihar Police (@bihar_police) August 18, 2023
इसके बाद, हमलावर मौके से भाग गए। बताया जा रहा है कि विमल को गोली लगने के बाद, उनकी पत्नी ने चिल्लाकर आसपास के लोगों को बुलाया। मौके पर पहुंचे लोगों ने रानीगंज थाने में सूचना दी। विमल को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
भाई की हत्या के गवाह थे विमल कुमार।
चार साल पहले, अप्रैल 2019 में, विमल यादव के छोटे भाई गब्बू यादव की हत्या कर दी गई थी। उस समय, गब्बू बेलसरा पंचायत के सरपंच थे। गब्बू की हत्या का आरोप एक व्यक्ति पर है, जिसका नाम रूपेश है, जो वर्तमान में जेल में बंद है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, परिजनों का कहना है कि विमल अपने भाई गब्बू की हत्या के मुख्य गवाह थे। केस का ट्रायल चल रहा था, जिसमें विमल की गवाही होनी थी।
परिजनों का आरोप है कि जिसने गब्बू यादव की हत्या करवाई, उसने ही विमल की हत्या की सुपारी दी है। परिजनों के मुताबिक उसे डर था कि विमल की गवाही के बाद उसे उम्रकैद की सजा हो जाएगी। परिजनों का ये भी कहना है कि विमल को पहले से अपनी हत्या की आशंका थी और कुछ लोग उनका पीछा करते थे। एक हफ्ते पहले, उन्होंने अपने दोस्तों से भी कहा था कि उनकी जान को खतरा है। विमल ने लाइसेंसी बंदूक के लिए कई बार अप्लाई किया था, लेकिन उन्हें लाइसेंस नहीं मिल पाया था।
पुलिस ने विमल के पिता के बयान पर केस दर्ज किया और कार्रवाई शुरू की। जिन चार आरोपियों को पकड़ा गया है, उनके नाम विपिन, भवेश, आशीष और उमेश हैं। वहीं, न्यायिक हिरासत में बंद आरोपियों के नाम रूपेश और कांति हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपी रूपेश सुपौल जेल में बंद है और आरोपी कांति अररिया जेल में बंद है। इन दोनों आरोपियों के रिमांड लेने की कार्रवाई जारी है।