Story of Pakistani Hindus

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ऐसा क्यूँ होता है कि किसी भी मुस्लिम देश में दूसरा धर्म मानने वालों का रहना मुश्किल होता है? पाकिस्तान इसका सब से ताज़ा उदहारण है | आजकल न्यूज़ में पाकिस्तान के हिन्दुओं पर रिपोर्ट दिखाई जा रही है और उनके बदलते और बद से बदतर होते हालात पर चर्चा कि जा रही है |

 
पाकिस्तान कि सरकार इन बातों से इनकार करती है मगर जिस तेज़ी से वहां से हिन्दुओं का पलायन हो रहा है उस से एक बात तो साबित होती है कि "हिन्दुओं और दुसरे minorities के लिए अब वहां पर कोई जगह नहीं है" |
 
आज़ादी के वक़्त पाकिस्तान में वहां की कुल जनसँख्या के २०% हिन्दू थे जो कि अब केवल १.६% रह गए हैं | दिन पर दिन वहां के हिन्दुओं कि संख्या तेज़ी से घटती जा रही है | अधिकांश हिन्दू मजबूर हो कर इस्लाम कबूल कर रहे हैं या जो नहीं कर पाते वो या तो पलायन कर जाते हैं या फिर बदतर ज़िन्दगी जीने पर मजबूर रहते हैं |
 
अभी हाल में ही पाकिस्तान टीवी पर एक हिन्दू लड़के को इस्लाम कुबूल करते दिखाया गया और इसका सीधा प्रसारण किया गया, कुछ मुसलमानों के लिए ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि हो सकती है मगर जो इंसानियत को समझते हैं उनके लिए ये बस एक शर्म के सिवा कुछ भी नहीं | जो ये दावा करते हैं कि इस्लाम एक इंसानियत को मानने वाला मज़हब है वो क्यूँ नहीं आगे आकर इन बातों का विरोध करते हैं और अपनी आवाज़ उठाते हैं पाकिस्तानी हिन्दुओं के लिए?
 
बर्मा में जब मुसलमानों पर ज़ुल्म होते हैं तो हर देश के मुस्लिम नौजवान इसके खिलाफ आवाज़ उठाते हैं मगर पाकिस्तान और दुसरे मुस्लिम Majority देशों में जब minorities पर ज़ुल्म होता है तो हम मुसलमानों को क्यूँ नहीं दिखाई देता है? हम कब तक बस अपनी ही community और मज़हब कि फ़िक्र करते रहेंगे?
 
क्या किसी मुसलमान मौलाना को ये नहीं समझ आता है कि जो लड़का टीवी पर इस्लाम कुबूल कर रहा है वो बस उसकी मजबूरी है? और इसको हम अपनी कामयाबी मानते हैं? किसी को मजबूर कर के इस्लाम कुबूल करवाना ये हमारी बहादुरी है? उस लड़के को हिन्दुस्तान में ला के रखो कुछ दिन, उसको आज़ादी का माहोल दो और फिर उस से पूछो कि वो इस्लाम कुबूल करना चाहता है कि नहीं |
 
Boy being converted live on pakistan TV:
 
 
 
ऐसा क्यूँ हो रहा है कि मुसलमान दिन पर दिन धर्मांध होते जा रहे हैं और उनको दूसरी कौमों के साथ रहने में मुश्किल आती है? मुसलमान अपने लिए हर देश में बराबर का अधिकार चाहते हैं मगर जिस देश में वो majority में हैं वहां दूसरों के अधिकारों कि रक्षा नहीं कर पाते हैं? हिंदुस्तान में हमे नरेन्द्र मोदी का ज़ुल्म दिखाई देता है मगर पाकिस्तान में जो ज़ुल्म हिन्दू भाई बहनों और बेटियों पर हो रहा है वो हमे दिखाई नहीं देता | कब तक हम ये दोहरे मापदंड अपनाते रहेंगे और अपने उपर किये गए ज़ुल्म के लिए हाय हाय करते रहेंगे?
 
पाकिस्तान में कुल 428 मंदिर हैं जीमने से सिर्फ 26 में पूजा होती है बाकी के या तो बंद हैं या किसी कि हिम्मत नहीं जो उनमे पूजा कर सके | 
 
कब तक हम एकता कि बात शेरो-शायरी और फिल्मो में करते रहेंगे, ये कब हमारे और आपके दिलों में घर बनाएगी? मुसलमान कब इंसानियत को मज़हब से उपर रखना शुरू करेगा? 
 
Full report on Hindu community in pakistan, by NDTV India (Please listen what Amir Begh (Pakistani Journalist) is saying about the condition of Pakistani Hindus)
 
 
 



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  Posted on Saturday, August 11th, 2012 at 2:25 PM under   | RSS 2.0 Feed
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