सोशल मीडिया पर फैली नफ़रत के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने खाड़ी देशों के नेताओं से की बात

  उड़ते तीर You are here
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PM Modi and FM Jaishankar calls Gulf leaders to combat hate on social media

Image Credit: FullDhamaal.com


खाड़ी देशों के अधिकारियों और सत्ता के साथ बीते कुछ दिनों से जो ट्विटर पर युद्ध छिड़ा हुवा था वो अब थमता नज़र आ रहा है.. जिसकी वजह है प्रधानमन्त्री मोदी का खाड़ी देशों के राजनेताओं और प्रमुख हस्तियों से बीते चौबीस घंटों में फ़ोन पर वार्तालाप.. भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं फ़ोन करके इन देशों के नेताओं से बात कर के उन्हें आश्वस्त किया कि भारत की जो स्थिति उन्हें ट्विटर पर दिखाई जा रही है, हक़ीक़त उस से अलग है 

ट्विटर पर चल रहे “सोशल मीडिया युद्ध” जिसमे लोग भारत में मुसलामानों पर हुवे अत्याचार की विडियो और ख़बरें खाड़ी देशों के अधिकारियों और सत्ता प्रमुख को भेज रहे थे, उस से उत्पन्न विवाद  से खाड़ी में रह रहे लाखों भारतीयों के लिए बहुत बड़ा ख़तरा नज़र आ रहा था.. जिसके परिणाम स्वरुप प्रधानमत्री मोदी ने स्वयं आगे बढ़कर भारत के विदेश मंत्री सुब्रमन्यम जयशंकर के साथ खाड़ी देशों के तमाम नेताओं और राज परिवारों से बात की.. बीते चौबीस घंटों में विदेश मंत्री ने अरब दुनिया के तमाम पदाधिकारियों से बात करके उन्हें ये बताया कि ट्विटर पर उन लोगों को जो ख़बरें भेजी जा रही हैं वो “फ़ेक” हैं और जिस ट्विटर अकाउंट से उन लोगों तक ये जानकारियाँ पहुंचाई जा रही हैं वो भी “फ़ेक” हैं और उनका इस्तेमाल नफ़रत फैलाने के लिए किया जा रहा है

प्रधानमन्त्री मोदी और भारतीय विदेश मंत्री की अरब देशों से बातचीत के फलस्वरूप वहां के अधिकारियों और राज परिवार के लोगों ने सुर बदल गए हैं.. और अब UAE की राजकुमारी, जो ट्विटर पर फैलाई जा रही नफ़रत और भारतीय “वर्तमान समय में मुसलामानों कि दशा” से बहुत आहात थीं, अब भारत और UAE के मधुर संबंधों पर ट्वीट करने लगी हैं.. इस समय राजकुमारी हेंद अल क़सीमी भारत में हिन्दू मुस्लिम भाई चारे कि ख़बरों और भारत की “सहिष्णुता” के बारे में लगातार ट्वीट कर रही हैं.. ज्ञात हो कि राजकुमारी को बहुत सारे भारतियों ने ट्विटर  पर “गालियाँ निकाली थीं और अपशब्द कहे थे”.. मगर जब से विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री ने “फ़ोन कर के” भारत की ओर से अपना पक्ष साफ़ किया उसके बाद से राजकुमारी और खाड़ी देशों के अन्य अधिकारी ने अपने सुर बदल लिए 



विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि अरब देशों से बातचीत में भारतीय विदेश मंत्री ने अरब देशों के राजनयिकों को ये आश्वासन दिया कि भारत की ओर से ये “ख़ास प्रयास” किया जा रहा है कि  रमज़ान के पावन महीने में लॉकडाउन के बावजूद भारत खाड़ी देशों को “खाद्य सामग्री” की  खेप बिना रुकावट भेजता रहेगा.. विदेश मंत्री ने फ़ोन पर सऊदी अरब, बहरीन, ओमान, क़तर, मिस्र और फिलिस्तीन को कोरोना महामारी से निपटने के लिए हाइड्रोक्लोरोक्सीक्वीन और पैरासीटामोल की लगातार सप्लाई का आश्वासन दिया

भारतीय विदेश मंत्री ने ओमान के विदेश मंत्री युसूफ अलावी से बात करके ओमान में बसे “भारतीय नागरिकों” की अच्छी देखभाल के लिए धन्यवाद दिया.. साथ ही उन्होंने सऊदी अरब के विदेश मंत्री से भी बात करके सऊदी में बसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और देखभाल के लिए धन्यवाद दिया और साथ ही ये आश्वासन दिया कि भारत हमेशा सऊदी और ओमान का अच्छा दोस्त बना रहेगा 

तबलीगी जमात और उस से जुड़े मुद्दों को जिस तरह भारतीय मीडिया ने “तूल” दी थी और जिस तरह से कोरोना फैलाने का सारा इल्ज़ाम उन्हीं लोगों पर रखा जा रहा था, उसके मद्देनज़र सऊदी और अन्य देशों से भारत का बात करना बहुत ज़रूरी हो गया था.. क्यूंकि जिस तरह के ट्वीट और वीडियोस खाड़ी देशों के राजनयिकों को “लोगों” द्वारा भेजे जा रहे थे उसे देखते हुवे भारत और खाड़ी देशों के संबंधों पर बहुत बुरा असर पड़ सकता था.. तबलीगी जमात सऊदी अरब के धर्म प्रचार इकाई का हिस्सा है और बरसों से ये जमात देश विदेश में इस्लाम धर्म के प्रचार और प्रसार के लिए काम कर रही हैं 

वैसे प्रधानमन्त्री मोदी और भारतीय विदेश मंत्री खाड़ी देशों के प्रमुखों से फ़ोन पर बात करने की ये ख़बर भारतीय मीडिया से लगभग पूरी तरह से ग़ायब है.. मगर खाड़ी देशों के अधिकारियों और राज पेरिवारों के ट्विटर पर बदले सुर से ये साफ़ है कि प्रधानमन्त्री ने स्वयं आश्वासन दे कर इस विवाद को पूरी तरह से ख़त्म करने पर जोर दिया होगा

गौर करने वाली बात ये भी है कि बीते कुछ दिनों से जिस तरह लगातार ट्विटर और फेसबुक पर नफ़रत फैलाने वाले लोगों के ख़िलाफ़ पुलिस जिस तरह से त्वरित कार्यवाई कर रही है, वो भी अपने आप में चौंकाने वाला है.. एक ख़बर की ग़लत जानकारी देने के लिए पुलिस ने भाजपा प्रवक्ता संबित पत्रा को भी “टोक” दिया.. ये घटनाएं ये बताती हैं कि भारत की जो छवि बीते कुछ दिनों में विदेशों में बनी है उसे सुधारने के लिए “ऊपर” से आदेश दिया गया है,, तभी प्रशासन और पुलिस ऐसे हरकत में आये हैं  

काश, इस तरह के लोगों पर समय रहते लगाम लगा दिया होता तो भारत को उन देशों को सफाई देने की ज़रूरत न पड़ती जिनसे उसके हमेशा से मधुर सम्बन्ध रहे हैं.. मगर फिर भी अगर ये सरकार सच में चेत जाती है और “नफ़रत” को ख़त्म करने का अभियान सिर्फ़ अरब और खाड़ी के राजनयिकों को ख़ुश करने के लिए नहीं बल्कि अपने “देशवासियों” के हितों के लिए करती है, तो ये वास्तव में मौजूदा सरकार द्वारा बहुत बड़े सुधार की ओर उठाया गया बेहतरीन क़दम साबित होगा 



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