जाने-माने रंग-निर्देशक एम के रैना जी की अभद्र टिप्पणी

  उड़ते तीर You are here
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जानी-मानी कला समीक्षक मन्जरी श्रीवास्तव जी ने अपने फेसबुक वाल पर पोस्ट लिखी, 'जो मेरी फ़ीस है अगर आप नहीं दे सकते तो मुझे कृप्या अप्रोच न करें।' ये रही वो पोस्ट पढ़िये। इसमें कोई भी मन्जरी जी ने ऐसी बात नहीं लिखी जिसे ग़लत कहा जा सकता हो। उन्होंने अपनी फ़ीस को लेकर लिख दिया कि आप अगर मेरी फ़ीस नहीं दे सकते तो मत बुलाइये और अडवांस फ़ीस लेती हैं क्योंकि जो कला क्षेत्र में काम करते हैं वो जानते हैं कि काम करने के बाद पैसा मांगने के लिये कैसे गिड़गिड़ाना पड़ता है जैसे अपनी मेहनत का नहीं,भीख मांग रहे हों।

जाने-माने रंग-निर्देशक एम के रैना जी की अभद्र टिप्पणी

Image Credit: Facebook


उस पर रंगमंच के जाने-माने निर्देशक एम के रैना जी का कमेन्ट पढ़िये। किस तरह की भाषा लिखी है आप ख़ुद ही तय करिये।

जाने-माने रंग-निर्देशक एम के रैना जी की अभद्र टिप्पणी

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ये वही एम के रैना हैं जिनको आपने तमाम फिल्म्स और ऐड में देखा होगा। किसको क्या कहें बताइये। गौरी लंकेश के लिये अपशब्द कहने वाले मोदी समर्थकों को तो हम लताड़ते रहते हैं जब  वो औरतों के लिये गाली देते हैं या उनके चरित्र पर सवाल उठाते हैं। 

लेकिन इनको क्या कहें ये तो  प्रगतिशील लोगों में से हैं और इनकी भाषा और सोच ऐसी। जैसे लग रहा हो कि रैना जी ने ही शायद प्रोग्राम में बुलाया होगा और तब भी ये सब घटित हुआ होगा जो मन्जरी जी ने लिखा है पोस्ट में। फिर मन्जरी जी ने इन् डायरेक्ट वे में पोस्ट लिख दिया। ताकि आगे कोई ऐसे बनिये की तरह मोल-तोल न करे। 

ये बात रैना जी को अच्छी नहीं लगी तो वो अपनी भाषा का नियंत्रण खो बैठे और अपना असली चेहरा दिखा दिया कि महिलाओं के प्रति उनकी क्या सोच है।




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