गोरखपुर में बच्चों की मौत का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा था । वहीं फर्रुखाबाद के लोहिया अस्पताल में माहभर के भीतर ही 49 बच्चों की हो गयी। और जब जांच की गयी गयी तो फिर वही कारण कि आक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत हुयी है।
डीएम रविन्द्र कुमार के आदेश पर मजिस्ट्रेट जेके जैन ने सीएमो और महिला सीएमएस के ख़िलाफ़ बच्चों के इलाज में लापरवाही और समय पर सूचना न देने की रिपोर्ट दर्ज कराई।
30 अगस्त को जिलाधिकारी ने एसएनसीयू वार्ड का निरीक्षण कर शिशुओं के बारे में जानकारी ली थी। उन्हें बताया गया था कि माह भर 49 बच्चों की मृत्यु बीमारी के चलते हुयी थी,जबकि बच्चों के परिवार वालों का कहना है कि आक्सीजन न मिलने और इलाज में लापरवाही से बच्चों की मृत्यु का आरोप लगाया।
योगी सरकार ने डीएम,सीएमओ ,सीएमएस को हटा दिया। लेकिन बच्चों की लगातार मौतों का ज़िम्मेदार कौन है। भ्रष्टाचार ने इस देश को इतनी बुरी तरह से खाना शुरू कर दिया है कि खोखला करता जा रहा है और वर्तमान सरकार हमेशा से विकास और ईमानदारी की बात करती है लेकिन लगातार एक ही ग़लती हो रही हो तो उसके लिये ज़िम्मेदार सरकार नहीं तो और कौन है।
सीरिया में बच्चे बमों के कारण मरते हैं,युद्ध के कारण मरते हैं। लेकिन हम अपने बच्चों को ख़ुद मार रहे हैं।
सरकार कब तक कहती रहेगी इसमें सरकार की ग़लती नहीं है जब लगातार आक्सीजन की कमी के कारण बच्चे मर रहे हैं तो आप क्या सो रहे हैं। अस्पतालों का निरीक्षण करिये,इंतज़ाम दुरूस्त कीजिये।
वही हाल ट्रेन हादसों का है एक बाद एक हादसा और आपसे कोई मतलब नहीं। पुखराय ट्रेन हदासे में फ़र्ज़ी आतंकी तार जोड़ दिये थे लेकिन फिर जब लगातार हादसे बढ़ते गये तो क्या करते अपनी नाकामी मानी और यही हाल आप बच्चों की मौत पर कर रहे हैं दूसरों पर इल्ज़ाम थोप रहे हैं जबकि नाकामी सरकार की है।